न जख्म भरे दिल के जख्म शायरी, साकी और शराब ये ना पूछ मैं शराबी क्यों... >> न जख्म भरे, न शराब सहारा हुईन वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई! Share on: